अच्छा क्रिकेटर अच्छा राजनेता भी साबित होगा ?
हमे बेहद अफ़सोस है की सरकार (कांग्रेस) के इस निर्णय से सचिन और राज्यसभा दोनों की गरिमा पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए. उन्हें सोचना चाहिए था कि क्या उस जमात में बैठ कर कथित राजनैतिक चरित्र से अलग पूरे को अपनी छवि दिखा पाएंगे ?. क्या राज्यसभा में मनोनयन के अपेक्षाओ और उद्देश्यों को सचिन पूरा कर पाएंगे ? क्या राजसभा क्रिकेट का पिच है जहा पूरा राष्ट्र तेंडुलकर जिंदाबाद बोलेगा तब जब सचिन सोनिया राहुल जिंदाबाद बोल रहा हो ? क्यों आगाज़ बता रहा है अंजाम क्या होगा ? सचिन न तो राष्ट्रपति से मिलते है न प्रधानमंत्री से. लगता है सांसद बनाने का आभार व्यक्त कर रहे हो. सचिन अब भी क्रिकेट खेल रहे हैं और व्यस्तता को देखते हुए यह सवाल भी उठ रहा है कि सचिन राज्यसभा को कितना समय दे पाएंगे?
बच्चन परिवार नेहरु के ज़माने से शुभ चिन्तक रहा. राजीव कि शादी में अहम भूमिका निभाया .
पर इस परिवार ने क्या किया इनके साथ. क्वात्रोची (इटैलियन) को बचाया और अमिताभ को फसाया. कांग्रेस और गाँधी परिवार किसी को कुछ नहीं दे सकता. सचिन को भी अमिताभ कि तरह इस्तेमाल कर समाज के हांसिये पर छोड़ देगी .
कांग्रेस एक सरल ईमानदार क्रिकेटर के कैरियर को समाप्त करने जा रही न कि उन्हें सम्मानित कर रही है वरना १४ जुलाई को राष्ट्रपति पद के चुनाव होने हैं, राष्ट्रपति ही क्यों नहीं बनवा देते ? कोई विरोध नहीं कर पायेगा सर्वसम्मति से राष्ट्रपति का चुनाव हो जायेगा ? ज़रूरी है कि अच्छा क्रिकेटर अच्छा राजनेता भी साबित होगा ?
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