लाल बहादुर शास्त्री की पुण्य तिथि
लाल बहादुर शास्त्री को देश श्रद्धांजलि दे रहा है खास तौर पर कांग्रेस, उचित भी है आवश्यकता भी। चुनावो का मौसम है कुछ फासले कटी जा सकती है । चुकी कांग्रेस ने शास्त्रीजी को इतना गोपनीय रखा है की देश धीरे धीरे भूल सा जाय और कांग्रेस को जब जरुरत पड़े झोले से निकले और मदारी जमूरे का खेल खेलकर चादर फैलादे , कुछ तमाशे पर भरोसा करके तो कुछ बन्दर की लाचारी पर सिक्के फेक देते है। भारत में आजादी के ६३ सालो में महापुरुषों के नाम को मदारी के डमरू की तरह बजाया जाता रहा इसी कड़ी में शास्त्री जी भी इस्तेमाल होते रहे है। हम कितने कृतघ्न है की अब तक शास्त्री जी की देश के प्रति त्याग निष्ठां और समर्पण को न सलाम कर सके और न ही उनके सादगी ईमानदारी देश सेवा को सम्मान दे पाए । एक छोटे कस्बे के छोटे कद के उस विशाल व्यक्तित्व को शत शत नमन । जय जवान जय किसान .
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