अजब प्रेम की गजब कहानी
वह मुझे प्यार करती है,
उसकी सहेलियाँ बताती है .
वे देखती है मुझको - मुस्कराती है उससे,
मैं देखता हूँ उसको मुस्कराता हूँ उनसे .
वह मुझे भी देखती है - उन्हें भी,
वह न मुझसे मुस्कराती है न उनसे .
एक दिन मैंने उसे देखा वह मुस्करा रही थी ,
मैं आगे बढ़ा उसने मुझे देखा / मैं मुस्कराने लगा .
कुछ दूर तक यही चला -
वह मुझे देखती मैं उसे देखता .
वह छिपा कर मुस्कराती मुझसे ,
मैं दिखाकर मुस्कराता उसको.
फिर बहुत दिनों तक -
न मैं मुस्कराया न वह मुस्कराई
महीनों बाद फिर वह सामने आई.
किसी के साथ -उंगली से मुझे दिखाई
मैं देर तक देखता रहा .
न वह शरमाई - न मैं मुस्कराया .
फिर दोनों ने ठहाके की हँसी लगाई .
फिर आज तक,
न मैंने किसी को देखा
न फिर कभी मुस्कराया .
उत्तम १६.१२. १९९१
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें