क्या क्या भेंट तुम्हे मैं दे दू
क्या क्या भेंट तुम्हे मैं दे दू .
कैसी आस तेरे चितवन में ,
कैसी प्यास तेरे चुम्बन में ,
कैसी भूख तेरे अंतर में.
क्या क्या भेंट तुम्हे मैं दे दू.
कैसी चाह विकल अभिलाष,
कैसी प्रीत विविध अहसास,
कैसी हास तेरे उर वन में.
क्या क्या भेंट तुम्हे मैं दे दू.
कैसे नैनो का संसार ,
कैसी दिल में पीर गुबार,
कैसी आग तुम्हारे मन में.
क्या क्या भेंट तुम्हे मैं दे दू.
कैसे उतरूं सिन्धु लहर में,
कैसे चलूँ प्रेम की डग में,
कैसे खेल तुम्हारे जग में .
क्या क्या भेंट तुम्हे मैं दे दू.
उत्तम १२.५ १९९४
कैसी आस तेरे चितवन में ,
कैसी प्यास तेरे चुम्बन में ,
कैसी भूख तेरे अंतर में.
क्या क्या भेंट तुम्हे मैं दे दू.
कैसी चाह विकल अभिलाष,
कैसी प्रीत विविध अहसास,
कैसी हास तेरे उर वन में.
क्या क्या भेंट तुम्हे मैं दे दू.
कैसे नैनो का संसार ,
कैसी दिल में पीर गुबार,
कैसी आग तुम्हारे मन में.
क्या क्या भेंट तुम्हे मैं दे दू.
कैसे उतरूं सिन्धु लहर में,
कैसे चलूँ प्रेम की डग में,
कैसे खेल तुम्हारे जग में .
क्या क्या भेंट तुम्हे मैं दे दू.
उत्तम १२.५ १९९४
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