पूरी जिम्मेदारी डॉ मनमोहन सिंह और चिदंबरम की
कोर्ट ने शायद साक्ष्यो को पर्याप्त न माना हो डॉ सुब्रमण्यम स्वामी सबूत न प्रस्तुत कर सके हो . विधिक प्रक्रिया में चिदंबरम भले ही लाभ पाते दिखाते हो लेकिन यह तो तय है की घोटाला तो हुआ है . इसकी पूरी जिम्मेदारी डॉ मनमोहन सिंह और चिदंबरम की है अतः इन्हें जाना ही चाहिए . इस राष्ट्र के गरीबो , मजदूरो , बेकारो , नौजवानो , किसानो
के खूने पसीने का १,७६,००० करोड़ लूट लिए गया . जिस
ईमानदार प्रधानमंत्री और काबिल वित्त मंत्री के हाथो में हमने राष्ट्र के सम्मान और संपदा को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सौपी थी उसे बचा पाने में असफल रहे . जाँच के बाद कुछ भी आये पर रूपया तो गया अतः प्राकृतिक न्याय के अनुसार आपने लूटा या लुटते हुए देखते रहे मतलब लूट के हमराज है. इनसे नैतिकता की अपेक्षा करना अपने आप को भुलावा देना है, क्योकि इन्हें इस बात दंभ है की इन्हें २००९ में जनादेश मिला है तो इन्हें हर जायज नाजाजय कर्म कुकर्म करने का हक मिल गया है . १२२ कंपनियों के लाइसेंस को रद्द कर सर्वोच्च न्यायलय ने सीधे सीधे पोलिसी तथा function को गलत करार दिया है अर्थात नीति तो गलत बनाई ही उसके अनुपालन में भी गड़बड़ी की. इसे भूल या अज्ञानता नहीं कहा जा सकता . आतंरिक पत्र व्यवहार यह बताता है की कैबिनेट के कुछ मंत्रियो ने विरोध भी किया था , स्पष्ट है पूरा upa इस बात से भीग्य था . सरकार की शीर्षस्थ नेता सोनिया को इससे अलग नहीं देखा जाना चाहिए. जैसा की डॉ सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है की २ जी मामले का ६०% रूपया इटली भेजा गया है सही हो या गलत आरोप गंभीर है अतः सोनिया को अपनी छवि के खातिर उच्चस्तरीय तथा निष्पक्ष जांच करनी चाहिए. वरना जनमानस इसे सिर्फ आरोप मानाने से इंकार कर सकता है .
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