वोट की शक्ति












                           छोटे मोटे लोग आपके ऊपर अधिकार किये बैठे है.  इन्हें उतर फेंको . आपका देश अभी भी बुद्धिमानो से खाली नहीं है. लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति चुनावो में भीखमंगो की तरह तुम्हारे पास वोट मांगने नहीं आएंगे. जो आपके पास वोट मांगने आये उसे वोट मत देना , बल्कि जिसे वोट लेने के योग्य समझो उसके पैर पड़ना उसे समझाना बुझाना मानना कि आप  खड़े हो जाओ हम आप को वोट देना चाहते है .  सम्भव है कि तलाश  कठिन  हो  पर  असली  प्रतिनिधि  वही  होगा . जो वोटो कि भीख मांगता है वह  निहित स्वार्थी  है अवसरवादी  है उसकी न लोक में आस्था है न तंत्र पर  विश्वास . उसके पास नैतिक मूल्यों और चारित्रिक बल का सवर्था आभाव है. उसके मत देना अपने मतों को कि कीमत  दो कौड़ी  का कर देना होगा.    

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