काशी : धर्म और अध्यात्म की शीर्ष परंपरा
' बनारस… वाराणसी… काशी… उत्तरप्रदेश में गंगा के किनारे बसा प्राचीन नगरी का जीवंत एहसास वहां जाकर ही किया जा सकता है। सदियों से तीर्थभूमि के रूप में प्रसिद्ध बनारस आज भी पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और अन्वेषकों को निमंत्रित करता है। बनारस हर व्यक्ति के लिए अलग रूप में परिभाषित होता है। धर्म, दर्शन और साहित्य से संपूर्ण मानव जगत का हित पोषित करने वाला यह शहर रहस्य की तरह आकर्षक है। बनारस का जिक्र आते ही हमें बनारसी साड़ियों की याद आती है। बनारसी साड़ियों की कारीगरी सदियों पुरानी है। जड़ी, बेलबूटे और शुभ डिजाइनों से सजी ये साड़ियां हर आयवर्ग के परिवारों को संतुष्ट करती हैं, उनकी जरूरतें पूरी करती हैं। बनारस अपने घाटों के कारण भी प्रसिद्ध है। प्रभात की अरुनीमा के आगमन के पहले ही कशी के घाट जाग जाते हैं। सुबह के सन्नाटे में हर डुबकी के साथ आती ‘छप’ की आवाज निशा की तंद्रा तोड़ती है। धीरे-धीरे बजती घंटे घड़ियालो के नाद और आरती की लय से नगर जागता है। बनारस नगर अवश्य है, मगर यहां नगर की भागदौड़ नहीं फकीरों की फक्कड़ी यहाँ के निव