फिर भी मिडिया ईमानदार नही रही-------

फिर भी मिडिया ईमानदार नही रही------- लोकतंत्र में मिडिया को चौथा खम्भा माना जाता है, असल में माना क्या जाता है , है ही।मिडिया की आवश्यकता भी इसीलिए है क्योकि इतर तीन पायें कमज़ोर होते जा रहे है।आज विधायिका का दिवालियापन किसी से छुपा नही है। न्यायपालिका तक हर कोई पहुँच नही पाता . न्याय के तीन पीढ़ियों तक की यात्रा वह भी प्रश्न चिन्हों के साथ मिलेगा भी की नही। इसलिए मिडिया आम आदमी की आवाज का शसक्त मंच होता है। परन्तु आज कल मिडिया जिस तरह से मामलों का पोस्टमार्टम और ट्रायल करने लगा है कभी कभी प्रतीत होता है कि मिडिया पारदर्शी नही पक्ष या पैरवीकार की भूमिका में है। जिस तरह...