सरकार की यह कैसी लाचारी
गृह मंत्री पी चिदंबरम प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं और उनके पिछलग्गू बने मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल गृहमंत्री. पी चिदंबरम ने अपनी मंशा में कामयाब होने की खातिर ज़रिया बनाया है देश की ख़ु़फिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी को. गृह मंत्री पी चिदंबरम प्रधानमंत्री बनने को इस क़दर उतावले हैं कि उन्हें न तो अपनी पार्टी, न सरकार की परवाह है और न देश की आंतरिक सुरक्षा की. आईबी के कुछ उच्चाधिकारियों और डिफेंस इंटेलिजेंस के कुछ तेज़ तर्रार अधिकारियों का चक्रव्यूह बनाकर पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, रक्षा मंत्री ए के एंटोनी, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी समेत रक्षा मंत्रालय, वित्त मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के उन वरिष्ठ नौकरशाहों पर शिकंजा कस रखा है, जो उनके प्रधानमंत्री बनने की राह में रोड़ा बन सकते हैं. गृह मंत्रालय ने आईबी और डिफेंस इंटेलिजेंस के कुछ चुनिंदा अधिकारियों की मा़र्फत इन सभी के फोन टैप कराए हैं, जो अभी भी बदस्तूर जारी है. देश की सरहद पर दुश्मनों की टोह लेने वाले उपकरण ऑफ एयर...