सबसे बड़ी अराजकता , महामहिम जी,
" सांप्रदायिक शक्तियां तथा आतंकवादी अब भी हमारी जनता के सौहार्द तथा हमारे राज्य की अखंडता को अस्थिर करना चाहेंगे परंतु वे कभी कामयाब नहीं होंगे" " भ्रष्टाचार लोकतंत्र के लिए कैंसर की तरह है, जो हमारे राज्य की जड़ों को खोखला करता है"।-राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति महोदय ने उक्त बाते भी कहीं पर मिडिया के किसी धड़े ने इस पर एक मिनट भी चर्चा नही की. क्या केजरीवाल और सोमनाथ के आरोपों की पुष्टि स्वयं मिडिया नही कर रही है. अराजकता और पुरे न होने वाले वादो के संदर्भो को सीधे आम आदमी पार्टी से मिडिया ने जोड़ दिया . सवाल उठेगा की क्या सच में राष्ट्रपति महोदय एक मामूली घटना पर कटाक्ष के लिए महान पर्व और पद का उपयोग करेंगे . उनसे प्रश्न किया जायेगा कि शांतिपूर्वक धरना अगर अराजकता है तो राजनैतिक दलो कि रैलियो में जहाँ बसे जलायी जाती है, ट्रेन कि पटरियां उखड़ी जाती है , दुकाने लुटी जाती है दंगे फसाद होते , 1984 में सिखों कि बर्बर हत्याए , 1992 का मस्जिद विध्वंश और गृह युद्ध जैसा मारकाट, 2002 ,मुस्लिमो को ज