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खेले ब्लैक मनी , ब्लैक मनी

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तब  और ---------------------------------------------------------------------------------------- अब------------------------------------------------------------------------------------------------- अगर यह सच है - " वित् मंत्री भारत सरकार अरुण जेटली ने कहा है कि 1995 के किसी कानून या समझौते के कारण हम काला धन वालों के नाम नही बतला सकते" । तो 6 साल तक अटल बिहारी वाजपयी की बीजेपी सरकार थी तब याद नही आया कानून या समझौता बदलना है । 4 महीने से ज्यादा " साहेब " की सरकार को "मित्रयो , भाईयो बहेनो " करते हुए फिर भी कुछ नही किया । अम्बानी खानदान के साथ ही कितने संघी हैं जिनको बचाने का जुगाड़ आप कर रहे हैं । विपक्ष में रहते हुए सालों साल आरोप लगते रहे UPA पर,  कि सरकार नाम इसलिए छिपा रही है की कांग्रेसी नाम है. क्या मोदी जी और उनकी टीम अनपढ़ और बुद्धिहीन थी की उस समझौते को पढ़ नहीं पाये.  आज उसी की आड़ लेकर नाम छुपाये जा रहे है, क्या देश की जनता यह नहीं मान ले की bjp वालो का नाम है इसलिए नहीं बताया जा रहा है ? मोदी जी 5 - 5 सौ रुपये के आधे अधूरे खाते  खुलवाने के

Drum Stick or सहिजन ,मोरिंगा

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  Drum Stick  or सहिजन ,मोरिंगा दक्षिण भारत में साल भर फली देने वाले पेड़ होते है. इसे सांबर में डाला जाता है . वहीँ उत्तर भारत में यह साल में एक बार ही फली देता है. सर्दियां जाने के बाद इसके फूलों की भी सब्जी बना कर खाई जाती है. फिर इसकी नर्म फलियों की सब्जी बनाई जाती है. इसके बाद इसके पेड़ों की छटाई कर दी जाती है. - आयुर्वेद में ३०० रोगों का सहजन से उपचार बताया गया है। इसकी फली, हरी पत्तियों व सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्पलैक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। - इसके फूल उदर रोगों व कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, शियाटिका,गठिया आदि में उपयोगी है| - जड़ दमा, जलोधर, पथरी,प्लीहा रोग आदि के लिए उपयोगी है तथा छाल का उपयोग शियाटिका ,गठिया, यकृत आदि रोगों के लिए श्रेयष्कर है| - सहजन के विभिन्न अंगों के रस को मधुर,वातघ्न,रुचिकारक, वेदनाशक,पाचक आदि गुणों के रूप में जाना जाता है| - सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात, व कफ रोग शांत हो जाते है| इसकी पत्ती का काढ़ा बनाक

पपीता - फरिश्तों का फल

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पपीते के 11 स्वास्थ्यवर्द्धक गुण एक इतालवी समुद्रयात्री क्रिस्टोफर कोलंबस ने एक बार कहा था  कि पपीता फरिश्तों का फल है। जिसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है    1.  कोलेस्ट्रोल कम करता है पपीते में फाइबर, विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है, जो आपकी रक्त-शिराओं में  कोलेस्ट्रोल के थक्के नहीं बनने देता। कोलेस्ट्राल के थक्के दिल का दौरा पड़ने और उच्च रक्तचाप समेत  कई अन्य ह्रदय रोगों का कारण बन सकते हैं।  2.  वज़न घटाने में मदद करता है इसमें कैलोरी बहुत कम होती है इसलिए वजन कम करने में पपीता काफी सहयोगी सिद्ध होता है ।  पपीतेमें मौजूद फायबर एक और जहां आपको तारो-ताज़ा महसूस करवाता है वहीं आपकी आँत की  मूवमेंट को ठीकरखता है जिसके फलस्वरूप वज़न घटाना आसान हो जाता है। 3.  प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है हमारा प्रतिरोधक तंत्र बीमार कर देने वाले कई संक्रमणों के विरुद्ध ढाल का काम करता है।  केवल एक पपीते में इतना विटामिन सी होता है जो आपके प्रतिदिन की विटामिन सी की  आवश्यकता का 200 प्रतिशत होता है। इससे स्पष्ट है कि पपीता प्रतिरोधक तंत्र को मज़

सबसे बड़ी अराजकता , महामहिम जी,

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                         " सांप्रदायिक शक्तियां तथा आतंकवादी अब भी हमारी जनता के सौहार्द तथा हमारे राज्य की अखंडता को अस्थिर करना चाहेंगे परंतु वे कभी कामयाब नहीं होंगे" " भ्रष्टाचार लोकतंत्र के लिए कैंसर की तरह है, जो हमारे राज्य की जड़ों को खोखला करता है"।-राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी                              राष्ट्रपति महोदय ने उक्त बाते भी कहीं पर मिडिया के किसी धड़े ने इस पर एक मिनट भी चर्चा नही की. क्या केजरीवाल और सोमनाथ के आरोपों की पुष्टि स्वयं मिडिया नही कर रही है. अराजकता और पुरे न होने वाले वादो के संदर्भो को सीधे आम आदमी पार्टी से मिडिया ने जोड़ दिया . सवाल उठेगा की क्या सच में राष्ट्रपति महोदय एक मामूली घटना पर कटाक्ष के लिए महान पर्व और पद का उपयोग करेंगे . उनसे प्रश्न किया जायेगा कि शांतिपूर्वक धरना अगर अराजकता है तो राजनैतिक दलो कि रैलियो में जहाँ बसे जलायी जाती है, ट्रेन कि पटरियां उखड़ी जाती है , दुकाने लुटी जाती है दंगे फसाद होते , 1984 में सिखों कि बर्बर हत्याए , 1992 का मस्जिद विध्वंश और गृह युद्ध जैसा मारकाट, 2002 ,मुस्लिमो को ज

अराजक कौन ?

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                  दो दिन कि घटनाओ से बहुत सारी चीजे निकल कर आयी है।  बीजेपी और कांग्रेस ने संबिधान और गणतंत्र कि बहुत ऊंची ऊंची आदर्शे बतायी, यैसा लगा ६५ सालो से भारत में रामराज्य था।   सर्वथा संबिधान का राज्य था। अर्जुन को राजाश्रय नहीं मिला एकलव्य का अंगूठा नहीं कटा . किसी विप्र कि अकाल मृत्यु नहीं हुयी और न ही शम्बूक बध हुआ।   अराजकता और कानून टूटने पर विधवा विलाप वे  कर रहे  जिनकी अराजकता से आजादी की  उषा काल  रक्तिम हुयी . गांधी कि ह्त्या ही नहीं कि गयी बल्कि उसे  न्यायसंगत ठहराने कि वकालत की  जाती रही है .महात्मा गांधी कि हत्या क्या संवैधानिक  था या अराजकता के प्रतिकूल।  आज तो दिल्ली के 4 मेट्रो station और 3 VIP रोड बंद हुए थे मात्र 30 - 32 घंटे के लिए लेकिन  ६ dec  भाजपा कि पूरी उत्तर प्रदेश शासन, मुख्यमंत्री, कैबिनेट ,अटल, आडवाणी जोशी के साथ समूची , बीजेपी पार्टी ने  सारे राष्ट्र को कई दिनों तक बंधक बनाकर रखा.   बाबरी मस्जिद विध्वंस ही नहीं हुयी 'गणतंत्र धराशायी' हो गया. संबिधान हत हुआ, बाबा साहब परिकल्पना और पटेल जी के श्रम से निर्मित ' अखंड समाज-अखंड राष्ट्र