गंभीरता से सोचने की आवश्यकता नहीं ?

पिछले कुछ दिनो ने भारतीय जन मानस को बहुत आहत किया है , खासकर मतदातों उसमे भी युवको को जिन्हें हमेशा अपने नेताओं से विकासोन्मुखी और आदर्श नेतृत्व की अपेक्षा रहती है । जब कभी कर्नाटक या गुजरात विधानसभा से खबरे आती है की हमारे प्रतिनिधियों का आचरण अनुकरणीय नहीं था या सीधे सीधे कहा जा सकता है शर्मनाक लगा । कभी अभिषेक मनु सिंघवी तो कभी समाजवादी ( पार्टी ) नेता चौधरी बाबु यादव या कभी BJP नेता और मंत्री राघव जी । प्रश्न ...