अराजक कौन ?

               
  दो दिन कि घटनाओ से बहुत सारी चीजे निकल कर आयी है।  बीजेपी और कांग्रेस ने संबिधान और गणतंत्र कि बहुत ऊंची ऊंची आदर्शे बतायी, यैसा लगा ६५ सालो से भारत में रामराज्य था।   सर्वथा संबिधान का राज्य था। अर्जुन को राजाश्रय नहीं मिला एकलव्य का अंगूठा नहीं कटा . किसी विप्र कि अकाल मृत्यु नहीं हुयी और न ही शम्बूक बध हुआ।   अराजकता और कानून टूटने पर विधवा विलाप वे  कर रहे  जिनकी अराजकता से आजादी की  उषा काल  रक्तिम हुयी . गांधी कि ह्त्या ही नहीं कि गयी बल्कि उसे  न्यायसंगत ठहराने कि वकालत की  जाती रही है .महात्मा गांधी कि हत्या क्या संवैधानिक  था या अराजकता के प्रतिकूल।  आज तो दिल्ली के 4 मेट्रो station और 3 VIP रोड बंद हुए थे मात्र 30 - 32 घंटे के लिए लेकिन  ६ dec  भाजपा कि पूरी उत्तर प्रदेश शासन, मुख्यमंत्री, कैबिनेट ,अटल, आडवाणी जोशी के साथ समूची , बीजेपी पार्टी ने  सारे राष्ट्र को कई दिनों तक बंधक बनाकर रखा.   बाबरी मस्जिद विध्वंस ही नहीं हुयी 'गणतंत्र धराशायी' हो गया. संबिधान हत हुआ, बाबा साहब परिकल्पना और पटेल जी के श्रम से निर्मित ' अखंड समाज-अखंड राष्ट्र बिखर सा गया . देश लहू लुहान हो गया .  उसके बाद भी  सत्ता पोषित  विलास  भोगी बुध्धिजीवी / विचारक/लेखक / पत्रकार / मिडिया याइतिहासिक और अभूतपूर्व बता रही है . किरण बेदी जी किसी भी मानसिक दासता से ऊपर उठकर बताइयेगा अराजक किसे मानेगी. बाबरी मस्जिद विध्वंस या हाडकम्प  ठंडी रात में जनहित के प्रश्नो पर सत्याग्रह .  आज मात्र 32 घंटे शांति से तंत्र को गण के प्रति
उत्तरदायी  बनाने के आग्रह को अराजकता  करार दिया जा रहा है . यह अत्यंत दुर्भागयपूर्ण है. इतना बड़ा गरूर , इतनी बड़ी हठ धर्मिता पुलिस कमिश्नर , लेफ्टिनेंट गवरनर और गृहमंत्री ने क्यों दिखायी। क्या केंद्र सरकार का व्यवहार अराजक नही था ? यह भी समझने की आवश्यकता है , हालाँकि मै समझ नहीं पाया.  एक चुने हुए पार्टी का बाकायदा सदन में विश्वास मत प्राप्त मुख्यमंत्री और पूरी कैबिनेट उनसे यही तो मांग रहे थे की जिनकी अकर्मण्यता से अपराध हो रहे है या हुए है अथवा घटना के बाद अपने कर्तव्यों का सम्यक निर्वहन नहीं किया उन्हें हटा दिया जाय. कौन सी बड़ी बात थी जो 3 कर्मचारी पूरी दिल्ली सरकार पर भरी पड़ रहे. क्या पूर्व गृह सचिव श्री R K SINGH जी की बातो के सच होने की तरफ नहीं इंगित करते.  आखिर देश का गृह मंत्री किसी प्रान्त के समूचे जनतांत्रिक प्रणाली से चुनी सरकार के  निवेदन को दर किनार करके पुलिस वालों को क्यों सुरक्षा कवच दे रहा है ? कही लोगो को शक न होने लगे की इनके बीच कोई अवैध और अनैतिक रिश्ता तो नही? 

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