पपीता - त्वचा और उदर की समस्याओं लिए अद्भुत फल.

पपीता - त्वचा और उदर की समस्याओं के लिए अद्भुत फल. 


पपीता एक स्वादिष्ट होने के साथ औषधीय गुणों से भरपूर है। नियमित सेवन से  विटामिन- और विटामिन सी प्राप्त होती है, जो अंधेपन से बचाती है। स्वास्थ्य की  दृष्टि से  भी पपीते का  महत्व  काफी  है, यह सुपाच्य होता है। पेट में गैस बनने से रोकता है। कब्ज का दुश्मन है और स्वास्थ्य सौंदर्यवर्धक है।  इसके  पपाइन नामक एंजाइम से भोजन पचाने में मदद मिलती है। यह स्थौल्य भी को दूर करने में सहायक है .
            पपीते के सेवन से पाचनतंत्र ठीक होता है। पपीते का रस अरूचि, अनिद्रा (नींद का आना), सिर दर्द, कब्ज आंवदस्त आदि रोगों को ठीक करता है। रस के सेवन करने से खट्टी डकारें बंद हो जाती है। पपीता पेट रोग, हृदय रोग, आंतों की कमजोरी आदि को दूर करता है। पके या कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाना पेट के लिए लाभकारी होता है।
      पपीते के पत्तों के उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है और हृदय की धड़कन नियमित होती है। पपीते में विटामिन डी, प्रोटीन, कैल्शियम, लौह तत्व आदि सभी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।पपीता वीर्य को बढ़ाता है, पागलपन को दूर करता है एवं वात दोषों को नष्ट करता है। इसके सेवन से जख्म भरता है और दस्त पेशाब की रुकावट दूर होती है। कच्चे पपीते का दूध त्वचा रोग के लिए बहुत लाभ करता है। पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है, भूख को बढ़ाता, पेशाब अधिक लाता है, मूत्राशय के रोगों को नष्ट करता है, पथरी को लगाता है और मोटापे को दूर करता है। पपीता कफ  के साथ आने वाले खून को रोकता है एवं खूनी बवासीर को ठीक करता है। पपीता त्वचा को ठंडक पहुंचाता है। पपीते के कारण आंखो के नीचे के काले घेरे दूर होते हैं।कच्चे पपीते के गूदे को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील-मुंहांसो का अंत होता है।

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