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RSS और BJP हिन्दू आतंकवाद का ट्रेनिंग सेंटर ?

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  सुशील कुमार शिंदे, ने बड़ा बयान दिया शायद उस जिम्मेदार पद से जिसे भारत में लगभग दुसरे नंबर का मना जाता है। जहाँ देश, इस पद ने निहित शक्ति से उम्मीद करता है की वह संबिधान और समाज की सुरक्षा करेगा लफ्फाजी नहीं, चर्चा इस लिए हो रही कि  बयान  गृहमंत्री का था न की शिंदे का । वरना दिग्विजय जैसे लोगों के गंभीर बातें भी लोग मजाक में उड़ाते रहते है । अब अगर शिंदे के पास किसी एजेंसी से रिपोर्ट आई तो सोनिया दरबार में बाँग  देने के बदले प्रशासनीक और विधिक एक्शन करना चाहिए था। यैसा न करके शिंदे ने भारतीय संविधान, न्याय  व्यवस्था और आम आदमी के विश्वास का अपमान किया . सबूत और रिपोर्ट के बाद आज तक कोई एक्शन नहीं किया गया , RSS और BJP के बहाने तकरीबन 80 करोड़  हिन्दू समाज को आतंकी बता दिया .  आज तक जितने भी आतंकी हमले हुए, विस्फोट हुए किसी जिम्मेदार व्यक्ति चाहे सत्ता में हो , विपक्ष में हो या सार्वजनिक जीवन  में किसी ने मुस्लिम आतंकवाद या मुस्लिम आतंकी का नाम नहीं दिया . क्या शिंदे इस तरह की शुरुआत नहीं करते है। क्या कोई म...

युवराज की अधूरी ताजपोशी

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  आज राहुल गांधी ने कई महत्वपूर्ण बाते की :1.  " कांग्रेस में हिंदुस्तान का DNA है " यानि बाकियों में हिंदुस्तान के बाहर का DNA  है, कांग्रेस को छोड़कर बाकि इस देश के नाजायज है। येसी घटिया भाषा प्रयोग करने वाले की मानसिकता क्या जायज़ होगी । अगर कांग्रेस का भविष्य यही इतिहासकार लिखेगा तो देश और कांग्रेस का मालिक भगवान ही है , वैसे कांग्रेस में DNA  बड़ी कीमती चीज है नारायण दत्त तिवारी जैसे लोग उदहारण है ।अब आप ही बताईये  "This historic first meeting of a political party which decided the destiny of India nominated A.O. Hume as the General Secretary. It was how the Grand Old Party of India , which spearheaded the country’s movement for freedom, took its first step towards the country’s independent future." 2. "  अब 99 पैसा गरीबों तक पहुंचेगा "  भाषण में ही 1 पैसा खाने का एलान ।  अब से यैसा क्यों ? कल तक लूट पर मौन सहमती । क्या जनहित और भ्रष्टाचार बढाकर मनमोहन सिंह को निकम्मा, अक्षम और भ्रष्ट साबित कर शर्मसार विदाई का षड्यंत्र रचा है ग...

सत्ता की सहूलियत या CBI वाली धर्म निरपेक्षता ?

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सत्ता की सहूलियत या  CBI वाली  धर्म निरपेक्षता ?  आज कल भारतीय राजनैतिक वीथिकाओं में चीख पुकार मची हुयी है कि  संसदीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था  और राजनैतिक जन- प्रतिनिधियों पर से जनता का विश्वास उठता जा रहा है, इसके लिए कुछ सिविल सोसायटी और उसके तथाकथित फांसीवादी नेत्रित्व के भड़काने की वज़ह से हो रहा है। हमारे नेता काफी साहसी और सत्यभाषी है इसका उदहारण की वे किसी का नाम लेने से भी परहेज नहीं करते भले ही खुद का नाम आने पर विशेषाधिकार हनन की दुहाई देते हुए विलाप करते नहीं थकते . परन्तु साधारण तौर  पर जो जन धरना बन रही है उसके अनुसार " राजनेताओं पर से जनता के उठते भरोसे का कारण  अन्ना हजारे, अरविन्द केजरीवाल या रामदेव नहीं बल्कि वे राजनेता खुद ही है जो जनता की भलाई के नाम पर धरना , बंद और आन्दोलन का ड्रामा करते है . 1977 और 1989 से सत्ता स्वार्थ के लिए कांग्रेस विरोध का नर लगाकर, वामदलों के साथ जनसंघ / भाजपा  के कंधे पर सवार इसी मुलायम ने प्रदेश और केंद्र में कुर्सी का मज़ा लिया था। मायावती भी इसी सांप्रदाय...

Herbs for Beauty

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           Herbs for Beauty           There are many herbs  which can be used for beauty as single or as combination of many herbs . Herbs washes  the internal impurities and external toxins of our body also provide additional nutrients to our body. Make it glow and shine. Herbs provide  nourishment  from within, leading to internal development. Most popular herbs used as cosmetic or  beauty care are :- Turmeric:  Turmeric is mainly used for: * glowing , bright skin . Turmeric face masks are extensively available in beauty parlors for their skin-friendly treatment that prevents bacterial infection. Turmeric pastes * cure pigmentation , * maintain the pH factor and are constantly applied on the neck, face and over-all body to enhance the complexion and brightness of skin .   Chandan: Chandan ca...

फिर भी मिडिया ईमानदार नही रही-------

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फिर भी मिडिया ईमानदार नही रही-------                           लोकतंत्र में मिडिया को चौथा खम्भा माना जाता है, असल में माना क्या जाता है , है ही।मिडिया की आवश्यकता भी इसीलिए है क्योकि इतर तीन  पायें कमज़ोर  होते जा रहे है।आज विधायिका का दिवालियापन किसी से  छुपा  नही है। न्यायपालिका तक हर कोई पहुँच  नही पाता . न्याय के तीन  पीढ़ियों तक की यात्रा वह भी प्रश्न  चिन्हों के साथ मिलेगा भी की नही। इसलिए मिडिया आम आदमी की आवाज का शसक्त मंच होता है। परन्तु  आज कल मिडिया जिस तरह से मामलों का पोस्टमार्टम और ट्रायल करने लगा है कभी कभी प्रतीत होता है  कि  मिडिया पारदर्शी नही पक्ष या पैरवीकार की भूमिका में है। जिस तरह...

Ultimatly PM broke his silence ( MAUN ) on coal GATE.

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PM on coal Gate W e have listened the PM's statement carefully and hopefully but nothing hopeful and nothing credible exept a BABU's office note.The explaination given by him is nothing but bunch of excuses and transfer their responsibility upon other constitutional institution. and questioned these bodies.      *    State govt. were oppsing  means the state govt and CM are more powerful, strong and proactive than  Govt. of India , PMO amd PM himself. Have they put gun upon the PM against his will?       *     He blames the democratic process in parliamentary democracy; decision taking process of parliament is very slow even the matter of national interest. By this  Is PM  raising finger upon the parliament's priority, way of functioning and style?     *     The PM's priority was GDP growth shouldn't suffer and law making takes time. If it is ...

अन्ना आंदोलन के बाद उपजा अवसर

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                अन्ना हजारे द्वारा राजनीतिक विकल्प देने की घोषणा की कुछ लोगों ने स्वागत करते हुए उन्हें राजनीतिक सुधार प्रक्रिया  के रूप में देखा, तो कुछ लोग यैसे भी है जो इस कदम को आत्मघाती मानते हैं। लेकिन  टीम अन्ना ने बहुत कुछ हासिल किया है, जिसके लिए वे बधाई  और सम्मान के हकदार हैं। तो  साथ ही बहुत कुछ दाव पर भी लगा दिया है।  संभव है  उनसे भी गलतियां  होगी . जनता का समर्थन मिलना एक बात है और उसे बरकरार रख पाना दूसरी बात। आदर्शवादी होना अच्छी  बात है , लेकिन आपको सौदेबाजी करना भी आना चाहिए।                     सच्चे नेताओं के लिए गलतियां भी सबक होती हैं। यदि अन्ना और उनके सहयोगी इसी सोच व नजरिए के साथ चलते हैं तो आगे भी अपनी छाप छोड़ेंगे।...