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Drum Stick or सहिजन ,मोरिंगा

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  Drum Stick  or सहिजन ,मोरिंगा दक्षिण भारत में साल भर फली देने वाले पेड़ होते है. इसे सांबर में डाला जाता है . वहीँ उत्तर भारत में यह साल में एक बार ही फली देता है. सर्दियां जाने के बाद इसके फूलों की भी सब्जी बना कर खाई जाती है. फिर इसकी नर्म फलियों की सब्जी बनाई जाती है. इसके बाद इसके पेड़ों की छटाई कर दी जाती है. - आयुर्वेद में ३०० रोगों का सहजन से उपचार बताया गया है। इसकी फली, हरी पत्तियों व सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्पलैक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। - इसके फूल उदर रोगों व कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, शियाटिका,गठिया आदि में उपयोगी है| - जड़ दमा, जलोधर, पथरी,प्लीहा रोग आदि के लिए उपयोगी है तथा छाल का उपयोग शियाटिका ,गठिया, यकृत आदि रोगों के लिए श्रेयष्कर है| - सहजन के विभिन्न अंगों के रस को मधुर,वातघ्न,रुचिकारक, वेदनाशक,पाचक आदि गुणों के रूप में जाना जाता है| - सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात, व कफ रोग शांत हो जाते है| इसकी पत्ती का ...

पपीता - फरिश्तों का फल

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पपीते के 11 स्वास्थ्यवर्द्धक गुण एक इतालवी समुद्रयात्री क्रिस्टोफर कोलंबस ने एक बार कहा था  कि पपीता फरिश्तों का फल है। जिसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है    1.  कोलेस्ट्रोल कम करता है पपीते में फाइबर, विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है, जो आपकी रक्त-शिराओं में  कोलेस्ट्रोल के थक्के नहीं बनने देता। कोलेस्ट्राल के थक्के दिल का दौरा पड़ने और उच्च रक्तचाप समेत  कई अन्य ह्रदय रोगों का कारण बन सकते हैं।  2.  वज़न घटाने में मदद करता है इसमें कैलोरी बहुत कम होती है इसलिए वजन कम करने में पपीता काफी सहयोगी सिद्ध होता है ।  पपीतेमें मौजूद फायबर एक और जहां आपको तारो-ताज़ा महसूस करवाता है वहीं आपकी आँत की  मूवमेंट को ठीकरखता है जिसके फलस्वरूप वज़न घटाना आसान हो जाता है। 3.  प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है हमारा प्रतिरोधक तंत्र बीमार कर देने वाले कई संक्रमणों के विरुद्ध ढाल का काम करता है।  केवल एक पपीते में इतना विटामिन सी होता है जो आपके प्रतिदिन की विटामिन सी की  आवश्यकता का 200...

सबसे बड़ी अराजकता , महामहिम जी,

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                         " सांप्रदायिक शक्तियां तथा आतंकवादी अब भी हमारी जनता के सौहार्द तथा हमारे राज्य की अखंडता को अस्थिर करना चाहेंगे परंतु वे कभी कामयाब नहीं होंगे" " भ्रष्टाचार लोकतंत्र के लिए कैंसर की तरह है, जो हमारे राज्य की जड़ों को खोखला करता है"।-राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी                              राष्ट्रपति महोदय ने उक्त बाते भी कहीं पर मिडिया के किसी धड़े ने इस पर एक मिनट भी चर्चा नही की. क्या केजरीवाल और सोमनाथ के आरोपों की पुष्टि स्वयं मिडिया नही कर रही है. अराजकता और पुरे न होने वाले वादो के संदर्भो को सीधे आम आदमी पार्टी से मिडिया ने जोड़ दिया . सवाल उठेगा की क्या सच में राष्ट्रपति महोदय एक मामूली घटना पर कटाक्ष के लिए महान पर्व और पद का उपयोग करेंगे . उनसे प्रश्न किया जायेगा कि शांतिपूर्वक धरना अगर...

अराजक कौन ?

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                  दो दिन कि घटनाओ से बहुत सारी चीजे निकल कर आयी है।  बीजेपी और कांग्रेस ने संबिधान और गणतंत्र कि बहुत ऊंची ऊंची आदर्शे बतायी, यैसा लगा ६५ सालो से भारत में रामराज्य था।   सर्वथा संबिधान का राज्य था। अर्जुन को राजाश्रय नहीं मिला एकलव्य का अंगूठा नहीं कटा . किसी विप्र कि अकाल मृत्यु नहीं हुयी और न ही शम्बूक बध हुआ।   अराजकता और कानून टूटने पर विधवा विलाप वे  कर रहे  जिनकी अराजकता से आजादी की  उषा काल  रक्तिम हुयी . गांधी कि ह्त्या ही नहीं कि गयी बल्कि उसे  न्यायसंगत ठहराने कि वकालत की  जाती रही है .महात्मा गांधी कि हत्या क्या संवैधानिक  था या अराजकता के प्रतिकूल।  आज तो दिल्ली के 4 मेट्रो station और 3 VIP रोड बंद हुए थे मात्र 30 - 32 घंटे के लिए लेकिन  ६ dec  भाजपा कि पूरी उत्तर प्रदेश शासन, मुख्यमंत्री, कैबिनेट ,अटल, आडवाणी जोशी के साथ समूची , बीजेपी पार्टी ने  सारे राष्ट्र को कई दिनों तक बंधक बनाकर रखा.   बाबर...

दुर्गा "शक्ति" नागपाल का निलंबन

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दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन क्या सच में एक शासकीय व्यवस्था के अंतर्गत हुआ है ? क्या आधी रात में धार्मिक समूह इकट्ठे होकर कोई विवाद या तनाव का का वातावरण बना रहे थे ? आखिर येसा क्या हुआ जो अँधेरे में इतना अंधेरगर्दी वाला फरमान दिया गया? क्या इस मामले के बहाने पुरे इतिहास को नहीं खंगालना चाहिए की अब तक शासन और प्रशासन ने कितने अवैध धार्मिक अतिक्रमणों हटाया गया ? कितने आईएस अधिकारीयों को निलंबित  ( स्थानांतरण नहीं ) किया गया ? वह भी बिना किसी नोटिस और अपना पक्ष रखने का अवसर दिये. सत्ता में यह निरंकुशता और घमंड कहा से आया ? आम आदमी के प्राकृतिक सम्पदा के लुटेरों पर अंकुश के बदले कर्तव्यनिष्ठ, युवा , महिला और सर्वोच्च प्रतियोगिता  से चयनित प्रतिभाशाली अधिकारी को इस तरह से प्रताड़ना के जिम्मेदार हम भी होंगे अगर हमने अपना सशक्त और सार्थक असहमति नहीं जताया क्योकि एक भ्रष्ट और निरंकुश कथित सता को हटाकर अखिलेश यादव में नयी संभावनाओ के साथ बैठाया।  पर इनके अति छोटे शासनावधि में दर्जनों गंभीर दंगे हो चुके है परन्तु किसी किसी वरिष्ठ अधिकारी को निलंबित नहीं किया गया. क्या मतलब साफ...

युद्ध : हार या या जीत

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                        १४ साल पहले जो हुआ विशेषतः भारत की दृष्टि से उस पर गर्व किया जा सकता है, किया भी जाना चाहिए. इसके विपरीत अगर पाकिस्तान के नजरिये से समझने की कोशिश करे तो अत्यंत शर्म और गहरी टीस का सबब रहा होगा . येसी घटनाओ से चाहे गर्व हो या शर्म थोपी हुयी  होती है . सरहद के इस पार या उस पार किसी ने भी नहीं  चुना था जंग. परिणाम उलट भी हो सकते थे. क्या सोचने की जरुरत नहीं चंद अहमक, क्रूर , कायर और सत्तान्धा राजनेताओ के गरूर और कुंठा के परिणाम को लाखो - करोंड़ों जिंदगियां स्वाहा हो जाती है, बेघर और अनाथ हो जाती है. हाथ क्या आता है ? झंडा फहरा कर जिंदाबाद करने के आलावा कुछ भी नहीं. क्या इससे विजयी सेना के शहीदों के परिवारों में हर्षित ख़ुशी होगी ? अनाथ बच्चे और विधवा विरान्गानों का नासूर पदको के पीछे से टीसता नहीं होगा ? युद्ध में विजयी कोई हो हारता सिर्फ मानवता है . सोचना तो पड़ेगा !!!!!!!!!!!  

संयुक्त परिवार

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संयुक्त परिवार की घटनाएँ बीते दिनों की बात हो गयी जब माँ बाप अपने बेटों बेटिओं, पोते पोतियों के साथ एक ही छत के नीचे रहा करते थे. यह संयुक्त परिवार की संस्कृति भारत में ब्रिटिश कल्चर के अतिक्रमण तक प्रभावी रहा. सिंगल  फैमिली कल्चर हमने अपने यहाँ अंग्रेजों से उधार में लिया. दुनिया में कुछ  भी येसा नहीं है जिसका सिर्फ लाभ हो और  हानि नही।           संयुक्त परिवार के लिए , परिवार चाहे बड़ा हो चाहे छोटा इसका सबसे बड़ा वरदान  परिवार के सभी सदस्यों के बीच शसक्त एकता की भावना होती है। हर एक सदस्य अपने आप को परिवार अंग  समझता है  अलग  नही। बच्चे पूरे परिवार के होते है सिर्फ माँ बाप के नही। यैसे परिवारों में यह कदापि संभव नहीं था की एक भाई के बच्चे पब्लिक स्कुल में और दुसरे के सरकारी स्कुल में,  कम से कम एक परिवार में किसी तरह की विषमता नही थी। सामान शिक्षा, समान  स्वास्थ्य और एक संस्कार मिलते थे। जटिलता वहां बहुतायत में दि...